जबलपुर, MP High Court। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य शासन सहित अन्य से सवाल किया है कि उच्च शिक्षक भर्ती की चयन परीक्षा में चयनित होने के बावजूद अतिथि शिक्षक रहते हुए बीएड करने वाले उम्मीदवारों को अयोग्य क्यों घोषित कर दिया गया? कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव व जस्टिस राजीव कुमार दुबे की युगलपीठ ने राज्य सरकार, आयुक्त व संचालक लोक सूचना, आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र व सामान्य प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। अगली सुनवाई नौ नवंबर निर्धारित की गई है।
राजगढ़ जिले के ब्यावरा निवासी किशोर कुमार वर्मा की ओर से याचिका दायर की गई। अधिवक्ता वृंदावन तिवारी ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता ने स्कूल शिक्षा विभाग के तहत शिक्षक भर्ती परीक्षा दी। परीक्षा का परिणाम 28 अगस्त 2019 को घोषित हुआ। वह ओबीसी अतिथि शिक्षक वर्ग की प्रावीण्य सूची में था। चयन प्रक्रिया में दस्तावेज सत्यापन के समय 23 जून 2020 को अचानक चयन के लिए बनाए गए नियम बदलने की अधिसूचना जारी कर दी गई। बदले हुए नियमों के तहत दो जुलाई 2020 को आदेश जारी कर कहा गया कि अतिथि शिक्षक रहते हुए बीएड करने वालों को चयन प्रक्रिया के अयोग्य समझा जाएगा। ऐसे उम्मीदवार की उम्मीदवारी निरस्त कर दी जाएगी।
वीडियो कॉफ्रेंसिंग से बहस के दौरान अधिवक्ता वृंदावन तिवारी ने दलील दी कि चयन प्रक्रिया के बीच इस तरह से नियमों में बदलाव नही किया जा सकता। उन्होंने इसे अनुचित बताते हुए आग्रह किया कि उक्त नोटिफिकेशन व इसके परिप्रेक्ष्य में जारी किया गया आदेश निरस्त किया जाए। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।